आण्विक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान और मोल संकल्पना - Future Study Point

आण्विक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान और मोल संकल्पना

आण्विक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान और मोल संकल्पना

आण्विक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान और मोल संकल्पना

हमारे चारों ओर के पदार्थ परमाणुओं से बने होते हैं,द्रव्यमान पदार्थ के गुणों में से एक है, पदार्थ का द्रव्यमान परमाणु के कुछ मौलिक कणों द्वारा निर्धारित होता है,ये मौलिक कण प्रोटॉन और न्यूट्रॉन हैं जो पदार्थ के परमाणु द्रव्यमान, आण्विक द्रव्यमान या मोलर द्रव्यमान के लिए जिम्मेदार होते हैं,हालांकि वर्तमान सिद्धांत के अनुसार प्रोटॉन और न्यूट्रॉन भी क्वार्क से बने होते हैं जो परमाणु के सबसे छोटे मौलिक कण होते हैं, ये क्वार्क के कण अस्थिर होते हैं और तुरन्त दूसरे अस्थिर कण गिब्स बोसाॅन (God particle)को जन्म देते हैं जिनसे मिलकर प्रोटाॅन और न्यूट्रान बनते है इसलिए परमाणु द्रव्यमान, आण्विक द्रव्यमान के लिए जिम्मेवार कण वर्तमान सिद्धांत के अनुसार गिब्स बोसाॅन होते हैं।लेकिन हम class 9 CBSE के पाठ्यक्रम के अनुसार परमाणु के मौलिक कण प्रोटॉन , न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रान को आधार मानकर चलते हैं।

आण्विक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान और मोल संकल्पना

 

यहां पर हम द्रव्यमान, आणविक द्रव्यमान या मोलर द्रव्यमान पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए classical परमाणु सिद्धांत पर आधारित अकादमिक उद्देश्यों के आधार पर परमाणु द्रव्यमान, आणविक द्रव्यमान या मोलर द्रव्यमान पर चर्चा करने जा रहे हैं।

उपरोक्त लिखित कण और अन्य कणों का अध्ययन आप particle physics जो physics की एक branch हैं,इसका अध्यन आप उच्च कक्षाओं में कर सकते हैं। यहाँ हम केवल middle class  छात्रों के CBSE पाठ्यक्रम पर आधारित सिद्धांतों का अध्ययन करेंगे।

इससे पहले कि हम मोल संकल्पना, आणविक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान का अध्ययन करें पहले हमें किसी तत्व के परमाणु द्रव्यमान का अध्ययन करना होगा।

आण्विक द्रव्यमान,मोलर द्रव्यमान ,और मोल संकल्पना

परमाणु द्रव्यमान-

नाभिक में उपस्थित धनावेशित कण प्रोटॉनो की संख्या को परमाणु संख्या के रूप में जाना जाता है जो किसी तत्व की पहचान को इंगित करता है क्योंकि यह परमाणु का कुल धनात्मक आवेश होता है जो ऋणावेशित इलेक्ट्रॉनों की कुल संख्या के बराबर होता है। इलेक्ट्रॉन लगभग प्रकाश की गति से नाभिक के चारों ओर घूमते हैं इसलिए परमाणु में द्रव्यमान के लिए इलेक्ट्रॉनों का योगदान नहीं होता है। प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की कुल संख्या को न्यूक्लियॉन कहते हैं, प्रत्येक एकल न्यूक्लियॉन का द्रव्यमान 1 परमाणु द्रव्यमान इकाई (amu) के रूप में जाना जाता है, यदि न्यूक्लियॉन की कुल संख्या 16 है तो परमाणु द्रव्यमान 16 और 1amu के गुणनफल याने कि 16 amu होगा बराबर है ।संक्षेप में हम amu के स्थान पर U लिख सकते हैं।

आण्विक द्रव्यमान-

अणु समान या भिन्न परमाणुओं से बना होता है,इसलिए आण्विक द्रव्यमान अणु में सभी परमाणुओं के द्रव्यमानों का योगफल होता है, उदाहरण के लिए Ca(OH)2

Ca(OH)2 का आण्विक द्रव्यमान

= Ca के परमाणुओं की संख्या × Ca का परमाणु द्रव्यमान + O के परमाणुओं की संख्या × O का परमाणु द्रव्यमान + H के परमाणुओं की संख्या × H का परमाणु द्रव्यमान

Ca का परमाणु द्रव्यमान =40 u, O का परमाणु द्रव्यमान = 16 u, H का परमाणु द्रव्यमान =1 u

Ca(OH)2 का आणविक द्रव्यमान = 1×40 + 2× 16 +2×1=40 + 32 + 2 =74 U

इसलिए Ca(OH)2  का आणविक द्रव्यमान 74 U है।

मोल संकल्पना

जैसे 1 दर्जन वस्तुओं में 12 वस्तुएं होती हैं या 1 किलो समान चीजों में समान संख्या होती है उसी तरह किसी तत्व या यौगिक का STP (मानक तापमान और दबाव) पर परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान के तुल्य ग्राम में कणों (परमाणु, अणु, आयन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, इलेक्ट्रॉन, आदि) की जितनी संख्या होती है उसे 1 मोल कहते हैं।
एवागाड्रो ने किसी पदार्थ के 1 मोल में कणों की संख्या का मूल्यांकन 6.022×1023 के रूप में किया है जिसे अवोगाद्रो संख्या या अवगाद्रो स्थिरांक के रूप में जाना जाता है, इसे पदार्थ के 1 मोल में कणों के रूप में भी जाना जाता है।
उदाहरण के तौर पर CO2 का आण्विक द्रव्यमान 44u है तो इसके 44g में STP पर 6.022×1023 अणु होंगे,O का परमाणु द्रव्यमान 16u है तो इसके 16g में STP पर 6.022×1023 परमाणु होंगे।

मोलर द्रव्यमान-

किसी विशेष तत्व या यौगिक के परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान के ग्राम तुल्यांकी द्रव्यमान को मोलर द्रव्यमान कहते हैं, इसका SI मात्रक ग्राम होता है,मतलब किसी तत्व या य़ौगिक का जितना परमाणु द्रव्यमान या आण्विक द्रव्यमान होता है उतने ग्राम को मोलर द्रव्यमान कहते हैं। किसी तत्व या यौगिक के मोलर द्रव्यमान में पदार्थ का 1 मोल होता है जो अवोगाद्रो संख्या के बराबर होता है।

मोलो की संख्या = दिया गया द्रव्यमान/मोलर द्रव्यमान = m/M

कणों की संख्या (N) = (m/M)×N0

जहाँ m = दिया गया द्रव्यमान, M = मोलर द्रव्यमान, N0  = अवगाद्रो संख्या

उदाहरण- CO2 के 88 ग्राम में मोल्स की संख्या ज्ञात करें।

उत्तर- मोलो की संख्या (n) =m/M, जहाँ m दिया गया द्रव्यमान है और M पदार्थ का मोलर द्रव्यमान है।

CO2 का आणविक द्रव्यमान =12×1 + 16 × 2 = 44 u

CO2 का मोलर द्रव्यमान (M) = 44 ग्राम

n(मोल) = m / M = 88/44 = 2

अतः 88 ग्राम CO2 में मोलों की संख्या 2 मोल है।

उदाहरण- 180 ग्राम जल में जल के कितने अणु होते हैं।

उत्तर- H2O का आण्विक द्रव्यमान = 2×1 + 16 ×1 = 18 u

H2O का मोलर द्रव्यमान (M) = 18 ग्राम

H2O का दिया गया द्रव्यमान(m) = 180 ग्राम

N0 =6.022×1023

कणों की संख्या, N = (m/M)N0

N = (180/18) ×6.022×1023

N = 6.022×1024

इसलिए 180 ग्राम जल में जल के अणुओं की संख्या 6.022×1024 है

उदाहरण। 1.32 किग्रा कार्बन डाइऑक्साइड में कितने ऑक्सीजन परमाणु होंगे?

उत्तर- कार्बन डाइऑक्साइड का आण्विक सूत्र CO2 है

CO2 का आण्विक द्रव्यमान = 12 × 1 + 16× 2 = 44 u

कार्बन डाइऑक्साइड का मोलर द्रव्यमान,M = 44 ग्राम

कार्बन डाइऑक्साइड का दिया गया द्रव्यमान = 1.32 किग्रा = 1320 ग्राम

N= (1320/44) × 6.022 × 1023

N = 18.066 × 1023

1.32 किग्रा कार्बन डाइऑक्साइड में कार्बन डाइऑक्साइड के अणुओं की संख्या 18.066×1023 होती है।

कार्बन डाइऑक्साइड के एक अणु में ऑक्सीजन के 2 परमाणु होते हैं।

1.32 किग्रा कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीजन के परमाणुओं की संख्या =2× 18.066×1023

36.132×1023  ≈ 3.6 ×1023

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